Class 12th Economics (Art & Commerce) Important Questions 2025-26
कक्षा 12वीं अर्थशास्त्र (व्यष्टि अर्थशास्त्र) – महत्वपूर्ण प्रश्न 2025-26
(Arts एवं Commerce के विद्यार्थियों के लिए संभावित प्रश्न – सभी पैटर्न आधारित)
MP Board कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2025-26 की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics) के महत्वपूर्ण प्रश्न यहाँ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह प्रश्न परीक्षा पैटर्न पर आधारित हैं तथा इनमें –
सही विकल्प, रिक्त स्थान, सही जोड़ी, सत्य/असत्य, एक शब्द में उत्तर, 2 अंक, 3 अंक, 4 अंक के वर्णनात्मक प्रश्न शामिल हैं।
इस पोस्ट में क्या मिलेगा?
- ✔ व्यष्टि अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण उद्देश्यमूलक प्रश्न
- ✔ Very Short, Short और Long Answer प्रश्न
- ✔ High Scoring प्रश्नों की सूची
- ✔ मॉडल आंसर (Guidance Purpose Only)
- ✔ बोर्ड परीक्षा के नए पैटर्न के अनुसार प्रश्नों की व्यवस्था
व्यष्टि अर्थशास्त्र – परिचय (Micro Economics)
व्यष्टि अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की वह शाखा है, जिसमें व्यक्तिगत उपभोक्ता, उत्पादक, बाज़ार संरचना, मांग, आपूर्ति, मूल्य निर्धारण आदि का अध्ययन किया जाता है।
कक्षा 12वीं की परीक्षा में यह विषय अत्यंत scoring माना जाता है, यदि छात्र मुख्य अवधारणाओं को समझकर अभ्यास करें।
कक्षा 12वीं व्यष्टि अर्थशास्त्र – महत्वपूर्ण प्रश्न
1. सही विकल्प चुनिए (MCQ), 2. रिक्त स्थान भरिए, 3. सही जोड़ी मिलाइए 4. सत्य / असत्य बताइए, 5. एक शब्द / एक वाक्य में उत्तर,6. 2 अंक के प्रश्न , 7. 3 अंक के प्रश्न, 8. 4 अंक का प्रश्न
मॉडल उत्तर (Model Answers – Guidance Purpose)
- इस पोस्ट में दिए गए सभी मॉडल उत्तर केवल शैक्षणिक मार्गदर्शन, रीविजन, एवं अभ्यास के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
- ये आधिकारिक उत्तर नहीं हैं, लेकिन परीक्षा की तैयारी में अत्यंत सहायक हैं।
MP Board परीक्षा 2025-26 के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
- ✔ नए परीक्षा पैटर्न के अनुरूप
- ✔ वस्तुनिष्ठ + वर्णनात्मक का संतुलित सेट
- ✔ उच्च-प्रश्न संभाव्यता वाले Chapters
- ✔ छात्रों के लिए त्वरित Revision Tool
- ✔ Arts एवं Commerce दोनों के लिए उपयोगी
🎯 व्यष्टि अर्थशास्त्र: 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. सही विकल्प चुनिए (10)
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र का मुख्य संबंध किससे है?
उत्तर: (ख) व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों से
2. किसी भी अर्थव्यवस्था की मूलभूत समस्या उत्पन्न होने का मूल कारण क्या है?
उत्तर: (ख) संसाधनों की दुर्लभता
3. अनधिमान वक्र (Indifference Curve) की आकृति कैसी होती है?
उत्तर: (ख) मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर
4. सामान्य वस्तु (Normal Good) की स्थिति में, उपभोक्ता की आय और माँग के बीच कैसा संबंध होता है?
उत्तर: (ग) सीधा (धनात्मक)
5. सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम के प्रतिपादक कौन थे?
उत्तर: (ख) प्रोफेसर मार्शल
6. कुल स्थिर लागत (TFC) और कुल परिवर्ती लागत (TVC) का योग क्या कहलाता है?
उत्तर: (ग) कुल लागत (TC)
7. दीर्घकाल (Long Run) में, एक फर्म के सभी आगत (Inputs) कैसे होते हैं?
उत्तर: (ख) परिवर्ती
8. पूर्ण प्रतिस्पर्धा (Perfect Competition) की स्थिति में, एक फर्म होती है:
उत्तर: (ख) कीमत स्वीकारक (Price Taker)
9. वह बिंदु जहाँ कुल आगम (TR) कुल लागत (TC) के बराबर होता है, कहलाता है:
उत्तर: (ग) लाभ अलाभ बिंदु (Break-even point)
10. सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम कीमत (जो संतुलन कीमत से कम होती है) क्या कहलाती है?
उत्तर: (ख) कीमत सीमा (Price Ceiling)
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (10)
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र को __________ के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर: मूल्य सिद्धांत
2. उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु वह है जहाँ बजट रेखा __________ को स्पर्श करती है।
उत्तर: अनधिमान वक्र
3. माँग का नियम कीमत और माँग की मात्रा के बीच __________ संबंध बताता है।
उत्तर: विपरीत (या ऋणात्मक)
4. पूरक वस्तुओं की कीमत और वस्तु की माँग के बीच __________ संबंध होता है।
उत्तर: नकारात्मक (या विपरीत)
5. उत्पादन के अल्पकाल में कुछ कारक स्थिर और कुछ __________ होते हैं।
उत्तर: परिवर्ती
6. जब सीमांत उत्पाद (MP) शून्य होता है, तब कुल उत्पाद (TP) __________ होता है।
उत्तर: अधिकतम
7. दीर्घकाल में सभी लागतें __________ होती हैं।
उत्तर: परिवर्ती
8. पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार में औसत आगम (AR) और सीमांत आगम (MR) हमेशा __________ होते हैं।
उत्तर: बराबर
9. __________ की स्थिति में, बाजार कीमत संतुलन कीमत से कम होती है।
उत्तर: अधिमाँग
10. किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच को निर्धारित करने वाला एक मुख्य कारक __________ की उपलब्धता है।
उत्तर: स्थानापन्न
3. सत्य/असत्य बताइए (10)
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर: सत्य
2. साधन की दुर्लभता आर्थिक समस्याओं का मूल कारण नहीं है।
उत्तर: असत्य
3. माँग वक्र की दिशा में गति केवल वस्तु की अपनी कीमत में परिवर्तन के कारण होती है।
उत्तर: सत्य
4. अनिवार्य वस्तुओं की माँग की लोचदार होती है।
उत्तर: असत्य (अनिवार्य वस्तुओं की माँग बेलोचदार होती है)
5. सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक (Negative) नहीं हो सकती है।
उत्तर: असत्य (जब कुल उपयोगिता घटती है, तो सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है)
6. उत्पादन फलन आगत (Input) और निर्गत (Output) के बीच भौतिक संबंध को दर्शाता है।
उत्तर: सत्य
7. औसत स्थिर लागत (AFC) वक्र 'U' आकार का होता है।
उत्तर: असत्य (यह आयताकार अतिपरवलय होता है)
8. पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार में एक व्यक्तिगत फर्म का माँग वक्र पूर्णतया लोचदार होता है।
उत्तर: सत्य
9. उत्पादन बंदी बिंदु (Shutdown Point) पर कीमत औसत स्थिर लागत (AFC) के न्यूनतम बिंदु के बराबर होती है।
उत्तर: असत्य (यह औसत परिवर्ती लागत (AVC) के न्यूनतम बिंदु के बराबर होती है)
10. कीमत तल (Price Floor) को प्रायः न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी कहा जाता है।
उत्तर: सत्य
4. सही जोड़ी बनाइए (10)
'अ' (Column A) 'ब' (Column B)
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र (a) TFC + TVC
2. उपयोगिता (b) अल्पकालीन उत्पादन फलन
3. निम्नस्तरीय वस्तुएँ (c) अधिमाँग का कारण
4. स्थानापन्न वस्तुएँ (d) आय बढ़ने पर माँग घटती है
5. माँग की लोच (e) व्यक्तिगत आर्थिक इकाई का अध्ययन
6. कुल लागत (f) कुल आगम में परिवर्तन
7. ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम (g) आवश्यकता की संतुष्टि की शक्ति
8. पूर्ण प्रतिस्पर्धा (h) कीमत के प्रति संवेदनशीलता
9. कीमत सीमा (Price Ceiling) (i) चाय और कॉफी
10. सीमांत आगम (MR) (j) मूल्य सिद्धांत
(k) कीमत स्वीकारक
| 'अ' (Column A) | सही मिलान | 'ब' (Column B) |
|---|---|---|
| 1. व्यष्टि अर्थशास्त्र | → | (j) मूल्य सिद्धांत |
| 2. उपयोगिता | → | (g) आवश्यकता की संतुष्टि की शक्ति |
| 3. निम्नस्तरीय वस्तुएँ | → | (d) आय बढ़ने पर माँग घटती है |
| 4. स्थानापन्न वस्तुएँ | → | (i) चाय और कॉफी |
| 5. माँग की लोच | → | (h) कीमत के प्रति संवेदनशीलता |
| 6. कुल लागत | → | (a) TFC + TVC |
| 7. ह्रासमान सीमांत उत्पाद नियम | → | (b) अल्पकालीन उत्पादन फलन |
| 8. पूर्ण प्रतिस्पर्धा | → | (k) कीमत स्वीकारक |
| 9. कीमत सीमा (Price Ceiling) | → | (c) अधिमाँग का कारण |
| 10. सीमांत आगम (MR) | → | (f) कुल आगम में परिवर्तन |
5. एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए (10)
1. आर्थिक क्रियाकलापों के आयोजन की दो प्रणालियाँ कौन सी हैं?
उत्तर: केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था और बाज़ार अर्थव्यवस्था।
2. माँग वक्र का ढलान कैसा होता है?
उत्तर: ऋणात्मक (या बाएँ से दाएँ नीचे की ओर)।
3. माँग की लोच की गणना करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर: ep = माँग में प्रतिशत परिवर्तन / कीमत में प्रतिशत परिवर्तन
4. उत्पादन फलन क्या दर्शाता है?
उत्तर: आगत (Inputs) और निर्गत (Output) के बीच का तकनीकी संबंध।
5. दीर्घकाल में फर्म की सभी लागतें कैसी होती हैं?
उत्तर: परिवर्ती (Variable)।
6. कौन सा लागत वक्र आयताकार अतिपरवलय (Rectangular Hyperbola) होता है?
उत्तर: औसत स्थिर लागत (AFC) वक्र।
7. पूर्ण प्रतिस्पर्धा में औसत आगम (AR) और सीमांत आगम (MR) के बीच क्या संबंध होता है?
उत्तर: AR = MR।
8. लाभ अधिकतमीकरण (Profit Maximisation) की मुख्य शर्त क्या है?
उत्तर: सीमांत आगम, सीमांत लागत के बराबर हो (MR = MC)।
9. वह स्थिति जब पूर्ति, माँग से अधिक हो?
उत्तर: अधिपूर्ति (Excess Supply)**।
10. सरकार द्वारा निर्धारित उस अधिकतम कीमत को क्या कहते हैं जिस पर कोई वस्तु बेची जा सकती है?
उत्तर: कीमत सीमा (Price Ceiling)**।
इकाई 1: व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय (04 अंक)
Q.1 (2 अंक) सकारात्मक अर्थशास्त्र और आदर्शक अर्थशास्त्र में कोई दो अंतर स्पष्ट कीजिए। 2 अंक
उत्तर:
- सकारात्मक अर्थशास्त्र बताता है कि "क्या है" (तथ्यों पर आधारित)। आदर्शक अर्थशास्त्र बताता है कि "क्या होना चाहिए" (राय पर आधारित)।
- सकारात्मक अर्थशास्त्र का सत्यापन किया जा सकता है। आदर्शक अर्थशास्त्र का सत्यापन नहीं किया जा सकता।
Q.2 (2 अंक) व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में कोई दो अंतर लिखिए। 2 अंक
उत्तर:
| आधार | व्यष्टि अर्थशास्त्र | समष्टि अर्थशास्त्र |
|---|---|---|
| अध्ययन | व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों (एक उपभोक्ता) का अध्ययन। | समग्र अर्थव्यवस्था (राष्ट्रीय आय) का अध्ययन। |
| अन्य नाम | मूल्य सिद्धांत। | आय और रोजगार सिद्धांत। |
Q.3 (3 अंक) उत्पादन संभावना वक्र (PPC) की विशेषताएँ लिखिए। 3 अंक
उत्तर: उत्पादन संभावना वक्र (PPC) दो वस्तुओं के उन सभी संभावित संयोगों को दर्शाता है, जिनका उत्पादन उपलब्ध संसाधनों और तकनीक का पूर्ण उपयोग करके किया जा सकता है।
- ढलान नीचे की ओर: PPC का ढलान बाएँ से दाएँ नीचे की ओर होता है क्योंकि एक वस्तु का उत्पादन बढ़ाने के लिए दूसरी वस्तु का त्याग करना पड़ता है।
- मूल बिंदु की ओर नतोदर (Concave): PPC मूल बिंदु की ओर नतोदर होता है क्योंकि अवसर लागत (Opportunity Cost) बढ़ती जाती है (सीमांत उत्पादन संभावना अनुपात - MOC, बढ़ता है)।
[PPC वक्र (उत्पादन संभावना वक्र) का रेखाचित्र बनाएं।]
[Image of Production Possibility Curve]इकाई 2: उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत (15 अंक)
Q.4 (2 अंक) कुल उपयोगिता (TU) और सीमांत उपयोगिता (MU) में संबंध लिखिए। 2 अंक
उत्तर:
- जब सीमांत उपयोगिता (MU) धनात्मक होती है, तो कुल उपयोगिता (TU) बढ़ती है।
- जब सीमांत उपयोगिता (MU) शून्य होती है, तो कुल उपयोगिता (TU) अधिकतम होती है।
- जब सीमांत उपयोगिता (MU) ऋणात्मक होती है, तो कुल उपयोगिता (TU) घटने लगती है।
Q.5 (2 अंक) स्थानापन्न वस्तुएँ (Substitutes) और पूरक वस्तुएँ (Complements) क्या हैं? 2 अंक
उत्तर:
- स्थानापन्न वस्तुएँ: वे वस्तुएँ जिनका उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है। (जैसे: चाय और कॉफी)। एक की कीमत बढ़ने पर दूसरे की माँग बढ़ती है।
- पूरक वस्तुएँ: वे वस्तुएँ जिनका उपयोग एक साथ किया जाता है। (जैसे: कार और पेट्रोल)। एक की कीमत बढ़ने पर दूसरे की माँग घटती है।
Q.6 (3 अंक) सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम (Law of Diminishing Marginal Utility) की व्याख्या कीजिए। 3 अंक
उत्तर: यह नियम बताता है कि जब कोई उपभोक्ता किसी वस्तु की उत्तरोत्तर अधिक इकाइयों का उपभोग करता है, तो उससे प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता (MU) धीरे-धीरे घटने लगती है।
उदाहरण: पहला समोसा खाने पर अधिक संतुष्टि मिलती है, जबकि चौथा समोसा खाने पर उससे प्राप्त होने वाली संतुष्टि (उपयोगिता) बहुत कम हो जाती है।
Q.7 (3 अंक) माँग वक्र में शिफ्ट (Shift) और माँग वक्र की दिशा में गति (Movement) के बीच तीन अंतर स्पष्ट कीजिए। 3 अंक
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 5 देखें)
| आधार | माँग वक्र की दिशा में गति | माँग वक्र में शिफ्ट |
|---|---|---|
| कारण | केवल वस्तु की अपनी कीमत में परिवर्तन। | कीमत के अतिरिक्त अन्य कारकों (आय, रुचि, आदि) में परिवर्तन। |
| नाम | माँग का विस्तार या संकुचन। | माँग में वृद्धि या कमी। |
| वक्र | उपभोक्ता एक ही वक्र पर चलता है। | नया माँग वक्र बनता है (दाईं या बाईं ओर शिफ्ट)। |
Q.8 (4 अंक) अनधिमान वक्र (IC) की मुख्य विशेषताएँ लिखिए और घटती सीमांत प्रतिस्थापन दर (MRS) को समझाइए। 4 अंक
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 3 देखें)
अनधिमान वक्र की विशेषताएँ:
- वक्र का ढलान नीचे की ओर होता है।
- वक्र मूल बिंदु की ओर उत्तल (Convex) होते हैं। (घटती MRS के कारण)
- उच्च IC उच्च संतुष्टि दर्शाते हैं।
- दो IC एक दूसरे को नहीं काटते।
घटती सीमांत प्रतिस्थापन दर (MRS): यह उस दर को दर्शाता है जिस पर उपभोक्ता एक वस्तु (Y) की अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने के लिए दूसरी वस्तु (X) की मात्रा को छोड़ने को तैयार होता है। MRS घटती है क्योंकि उपभोक्ता के पास एक वस्तु की मात्रा बढ़ती जाती है।
सूत्र: MRS = - (∆Y / ∆X)
[अनधिमान वक्रों का रेखाचित्र बनाएं।]
[Image of Indifference Curve]Q.9 (4 अंक) माँग की कीमत लोच को निर्धारित करने वाले कोई चार कारकों का वर्णन कीजिए। 4 अंक
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 4 देखें)
- वस्तु की प्रकृति: अनिवार्य वस्तुओं (रोटी) की लोच कम और विलासिता वस्तुओं (AC) की लोच अधिक होती है।
- स्थानापन्न की उपलब्धता: करीबी स्थानापन्न (पेप्सी/कोक) की लोच अधिक होती है।
- आय का अनुपात: जिस वस्तु पर आय का बड़ा हिस्सा खर्च होता है, उसकी लोच अधिक होती है।
- समय अवधि: दीर्घकाल में लोच अधिक होती है।
Q.10 (4 अंक) अनधिमान वक्र विश्लेषण द्वारा उपभोक्ता संतुलन की शर्तों को समझाइए। 4 अंक
उत्तर: उपभोक्ता संतुलन (Equilibrium) वह स्थिति है जहाँ उपभोक्ता अपनी दी गई आय और कीमतों के साथ अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करता है। इसकी दो शर्तें हैं:
- MRS = Px / Py: सीमांत प्रतिस्थापन दर (MRS) दोनों वस्तुओं की कीमत अनुपात (Price Ratio) के बराबर होनी चाहिए। यह वह बिंदु है जहाँ अनधिमान वक्र (IC) बजट रेखा (Budget Line) को स्पर्श करता है।
- MRS घटती हो: संतुलन बिंदु पर अनधिमान वक्र मूल बिंदु की ओर उत्तल होना चाहिए, यानी सीमांत प्रतिस्थापन दर घटती होनी चाहिए।
[उपभोक्ता संतुलन (IC द्वारा) का रेखाचित्र बनाएं, जहाँ IC, बजट रेखा को स्पर्श करता है।]
[Image of Consumer Equilibrium by Indifference Curve]Q.11 (2 अंक) सामान्य वस्तुएँ और निम्नस्तरीय वस्तुएँ क्या हैं? 2 अंक
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 6 देखें)
- सामान्य वस्तुएँ: जिनकी माँग आय बढ़ने पर बढ़ती है।
- निम्नस्तरीय वस्तुएँ: जिनकी माँग आय बढ़ने पर घटती है।
Q.12 (2 अंक) माँग के नियम के किन्हीं दो अपवादों (Exceptions) को लिखिए। 2 अंक
उत्तर: माँग का नियम बताता है कि कीमत और माँग में विपरीत संबंध होता है। अपवाद वे हैं जहाँ कीमत बढ़ने पर माँग बढ़ती है।
- गिफेन वस्तुएँ (Giffen Goods): ये अत्यधिक निम्नस्तरीय वस्तुएँ हैं, जिनकी कीमत बढ़ने पर माँग बढ़ती है।
- अज्ञानता: जब क्रेता वस्तु की गुणवत्ता को उसकी कीमत से जोड़कर देखता है।
- भविष्य में कीमत परिवर्तन की अपेक्षा: यदि भविष्य में कीमत और बढ़ने की उम्मीद है, तो वर्तमान में माँग बढ़ जाती है।
इकाई 3: उत्पादन तथा लागत (10 अंक)
Q.13 (2 अंक) स्थिर लागत (Fixed Cost) और परिवर्ती लागत (Variable Cost) में दो अंतर बताइए। 2 अंक
उत्तर:
| आधार | स्थिर लागत (FC) | परिवर्ती लागत (VC) |
|---|---|---|
| उत्पादन | उत्पादन शून्य होने पर भी यह लागत वहन करनी पड़ती है। | उत्पादन शून्य होने पर यह लागत शून्य हो जाती है। |
| उदाहरण | मशीनरी का किराया, स्थाई कर्मचारियों का वेतन। | कच्चे माल की लागत, आकस्मिक श्रम का वेतन। |
Q.14 (2 अंक) अवसर लागत (Opportunity Cost) क्या है? 2 अंक
उत्तर: अवसर लागत से तात्पर्य चुने गए विकल्प के कारण त्यागे गए दूसरे सर्वश्रेष्ठ विकल्प के मूल्य से है।
उदाहरण: यदि एक किसान गेहूँ या चावल में से गेहूँ को चुनता है, तो चावल की छोड़ी गई मात्रा ही गेहूँ के उत्पादन की अवसर लागत है।
Q.15 (2 अंक) कुल, औसत और सीमांत उत्पाद को परिभाषित कीजिए। 2 अंक
उत्तर:
- कुल उत्पाद (TP): सभी आगतों का उपयोग करके उत्पादित कुल मात्रा।
- औसत उत्पाद (AP): प्रति इकाई परिवर्ती आगत का उत्पाद (AP = TP/L)।
- सीमांत उत्पाद (MP): परिवर्ती आगत की एक अतिरिक्त इकाई के प्रयोग से TP में परिवर्तन (MP = ∆TP / ∆L)।
Q.16 (3 अंक) अल्पकालीन लागतें और दीर्घकालीन लागतों में अंतर स्पष्ट कीजिए। 3 अंक
उत्तर:
- अल्पकालीन लागतें: ये वे लागतें हैं जिनमें कुछ आगत स्थिर और कुछ परिवर्ती होते हैं। (इसमें स्थिर लागतें शामिल होती हैं)।
- दीर्घकालीन लागतें: ये वे लागतें हैं जिनमें सभी आगत परिवर्ती होते हैं। (इसमें स्थिर लागत शून्य होती है)। दीर्घकाल में, फर्म उत्पादन का पैमाना बदल सकती है।
Q.17 (3 अंक) सीमांत लागत (MC) और औसत लागत (AC) के बीच संबंध लिखिए। 3 अंक
उत्तर:
- जब MC < AC होती है, तो AC घटती है। (MC वक्र AC के नीचे होता है)
- जब MC = AC होती है, तो AC न्यूनतम होती है। (MC वक्र AC को उसके न्यूनतम बिंदु पर काटता है)
- जब MC > AC होती है, तो AC बढ़ती है। (MC वक्र AC के ऊपर होता है)
[MC और AC वक्रों के संबंध का रेखाचित्र बनाएं।]
[Image of Relationship between MC and AC]Q.18 (4 अंक) परिवर्ती अनुपात नियम (Law of Variable Proportions) का वर्णन कीजिए। 4 अंक
उत्तर: यह नियम बताता है कि अल्पकाल में, जब स्थिर आगत के साथ केवल एक परिवर्ती आगत (जैसे श्रम) की मात्रा को बढ़ाया जाता है, तो कुल उत्पादन तीन चरणों से गुजरता है:
- बढ़ते प्रतिफल का चरण: सीमांत उत्पाद (MP) बढ़ता है।
- घटते प्रतिफल का चरण: MP घटता है लेकिन धनात्मक रहता है (कुल उत्पाद अधिकतम होता है)। यह उत्पादक के लिए तर्कसंगत चरण है।
- ऋणात्मक प्रतिफल का चरण: MP ऋणात्मक हो जाता है (कुल उत्पाद घटने लगता है)।
[परिवर्ती अनुपात नियम (TP, AP, MP) वक्रों का रेखाचित्र बनाएं।]
इकाई 4: पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म का सिद्धांत (05 अंक)
Q.19 (2 अंक) पूर्ण प्रतिस्पर्धा में फर्म कीमत स्वीकारक (Price Taker) क्यों होती है? 2 अंक
उत्तर: पूर्ण प्रतिस्पर्धा में फर्म कीमत स्वीकारक होती है क्योंकि:
- बाजार में क्रेताओं और विक्रेताओं की बड़ी संख्या होती है।
- उत्पाद समरूप (Homogeneous) होता है।
कोई भी व्यक्तिगत फर्म बाजार की कुल पूर्ति का बहुत छोटा हिस्सा होती है, इसलिए वह कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती और उसे बाजार द्वारा निर्धारित कीमत स्वीकार करनी पड़ती है।
Q.20 (2 अंक) 'उत्पादन बंदी बिंदु' (Shutdown Point) क्या है? 2 अंक
उत्तर: उत्पादन बंदी बिंदु अल्पकाल में वह बिंदु है जहाँ कीमत औसत परिवर्ती लागत (AVC) के न्यूनतम बिंदु से भी नीचे गिर जाती है। यदि कीमत इससे नीचे चली जाती है, तो फर्म उत्पादन बंद कर देती है, क्योंकि वह अपनी परिवर्ती लागतों को भी कवर नहीं कर पाती।
Q.21 (3 अंक) पूर्ण प्रतिस्पर्धा की तीन मुख्य विशेषताएँ लिखिए। 3 अंक
उत्तर:
- क्रेताओं और विक्रेताओं की बड़ी संख्या।
- समरूप उत्पाद (उत्पाद समान होते हैं)।
- फर्मों का स्वतंत्र प्रवेश और बहिर्गमन।
Q.22 (3 अंक) पूर्ति (Supply) और स्टॉक (Stock) में अंतर स्पष्ट कीजिए। 3 अंक
उत्तर:
- पूर्ति: यह वह मात्रा है जिसे विक्रेता एक निश्चित कीमत पर और एक निश्चित समय पर बेचने के लिए तैयार है।
- स्टॉक: यह वह मात्रा है जो विक्रेता के पास एक निश्चित समय पर उपलब्ध है।
- पूर्ति स्टॉक का वह हिस्सा है जो बाजार में लाने के लिए तैयार है। पूर्ति एक प्रवाह अवधारणा है जबकि स्टॉक एक स्थिर (Stock) अवधारणा है।
इकाई 5: बाजार संतुलन (06 अंक)
Q.23 (2 अंक) बाजार संतुलन से आप क्या समझते हैं? 2 अंक
उत्तर: बाजार संतुलन वह स्थिति है जहाँ बाजार में किसी वस्तु की माँग (Demand) और पूर्ति (Supply) एक दूसरे के बराबर होती हैं। इस बिंदु पर निर्धारित कीमत को संतुलन कीमत और मात्रा को संतुलन मात्रा कहा जाता है।
Q.24 (2 अंक) अधिमाँग (Excess Demand) और अधिपूर्ति (Excess Supply) क्या है? 2 अंक
उत्तर:
- अधिमाँग: वह स्थिति जब माँग (Demand) पूर्ति (Supply) से अधिक होती है। (माँग > पूर्ति)। इसके परिणामस्वरूप कीमत में वृद्धि होती है।
- अधिपूर्ति: वह स्थिति जब पूर्ति (Supply) माँग (Demand) से अधिक होती है। (पूर्ति > माँग)। इसके परिणामस्वरूप कीमत में कमी होती है।
Q.25 (2 अंक) पूर्ति वक्र में वृद्धि (Increase in Supply) और पूर्ति वक्र में संकुचन (Contraction in Supply) में क्या अंतर है? 2 अंक
उत्तर:
- पूर्ति वक्र में वृद्धि: कीमत के अतिरिक्त अन्य कारकों (जैसे तकनीक में सुधार) के कारण पूर्ति का बढ़ना। वक्र दाईं ओर शिफ्ट होता है।
- पूर्ति वक्र में संकुचन: वस्तु की अपनी कीमत घटने के कारण पूर्ति का घटना। वक्र पर ऊपर से नीचे की ओर गति होती है।
Q.26 (3 अंक) कीमत सीमा (Price Ceiling) और कीमत तल (Price Floor) में अंतर स्पष्ट कीजिए। 3 अंक
उत्तर:
| आधार | कीमत सीमा (Price Ceiling) | कीमत तल (Price Floor) |
|---|---|---|
| अर्थ | अधिकतम कीमत (संतुलन से नीचे)। | न्यूनतम कीमत (संतुलन से ऊपर)। |
| उद्देश्य | उपभोक्ताओं की रक्षा (सस्ती दरें)। | उत्पादकों/किसानों की रक्षा (लाभ सुनिश्चित करना)। |
| परिणाम | माँग आधिक्य (कमी)। | पूर्ति आधिक्य (अधिशेष)। |
Q.27 (3 अंक) बाजार संतुलन कीमत पर पूर्ति में वृद्धि (Increase in Supply) का क्या प्रभाव पड़ेगा? 3 अंक
उत्तर: पूर्ति में वृद्धि (S वक्र का दाईं ओर शिफ्ट होना) का बाजार संतुलन पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा:
- संतुलन कीमत (Equilibrium Price) कम हो जाएगी।
- संतुलन मात्रा (Equilibrium Quantity) बढ़ जाएगी।
जब पूर्ति बढ़ती है, तो आरंभिक कीमत पर अधिपूर्ति (Excess Supply) उत्पन्न होती है, जिसके कारण विक्रेताओं को कीमत घटानी पड़ती है, जब तक कि एक नया, कम कीमत वाला संतुलन बिंदु प्राप्त न हो जाए।
[बाजार संतुलन पर पूर्ति वक्र के दाईं ओर शिफ्ट का रेखाचित्र बनाएं।]
[Image of Increase in Supply and its effect on equilibrium]Q.28 (4 अंक) पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार में कीमत का निर्धारण कैसे होता है? रेखाचित्र सहित समझाइए। 4 अंक
उत्तर: पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार में कीमत का निर्धारण बाजार की माँग (Demand) और पूर्ति (Supply) शक्तियों द्वारा किया जाता है।
- माँग वक्र (DD): यह कीमत और माँग में विपरीत संबंध दर्शाता है (नीचे की ओर ढलान)।
- पूर्ति वक्र (SS): यह कीमत और पूर्ति में सीधा संबंध दर्शाता है (ऊपर की ओर ढलान)।
कीमत उस बिंदु पर निर्धारित होती है जहाँ माँग वक्र और पूर्ति वक्र एक दूसरे को काटते हैं, यानी जहाँ माँग = पूर्ति। इसे संतुलन बिंदु कहते हैं। व्यक्तिगत फर्म इसी कीमत को स्वीकार करके अपना उत्पादन निर्धारित करती है।
[बाजार संतुलन (माँग और पूर्ति) का रेखाचित्र बनाएं।]
[Image of Market Equilibrium]Q.29 (3 अंक) पूर्ति की कीमत लोच (Elasticity of Supply) को प्रभावित करने वाले कोई तीन कारक बताइए। 3 अंक
उत्तर: पूर्ति की कीमत लोच पूर्ति की मात्रा में कीमत परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है।
- उत्पादन की प्रकृति: यदि उत्पादन की प्रक्रिया जटिल है और आगत आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो लोच कम होगी।
- समय अवधि: दीर्घकाल में पूर्ति अधिक लोचदार होती है, क्योंकि फर्मों के पास उत्पादन क्षमता बदलने का अधिक समय होता है।
- लागत संरचना: यदि उत्पादन बढ़ने पर लागत में तेजी से वृद्धि होती है, तो लोच कम होगी।
Q.30 (2 अंक) मांग की लोच मापने की प्रतिशत विधि का सूत्र लिखिए। 2 अंक
उत्तर: माँग की कीमत लोच मापने की प्रतिशत विधि (Percentage Method) का सूत्र:
सूत्र: Ed = (माँग की मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन) / (कीमत में प्रतिशत परिवर्तन)
या
Ed = (∆Q / Q) / (P / ∆P)
- Ed: माँग की लोच
- P: प्रारंभिक कीमत
- Q: प्रारंभिक मात्रा
- ∆P: कीमत में परिवर्तन
- ∆Q: मात्रा में परिवर्तन
⚠️ महत्वपूर्ण डिस्क्लेमर (Disclaimer)
- इस पोस्ट में दिए गए प्रश्न और मॉडल उत्तर केवल अध्ययन एवं परीक्षा तैयारी हेतु हैं।
- यह प्रश्नपत्र MP Board द्वारा जारी आधिकारिक प्रश्न नहीं हैं।
- किसी भी प्रकार का दावा या परिणाम सुनिश्चित नहीं किया जाता।
- विद्यार्थियों से अनुरोध है कि वे अपनी पाठ्यपुस्तक तथा बोर्ड द्वारा जारी आधिकारिक सामग्री को भी अवश्य पढ़ें।
- यह सामग्री “शैक्षणिक जानकारी” के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है।
यदि आप कक्षा 12वीं व्यष्टि अर्थशास्त्र की प्रभावी तैयारी करना चाहते हैं, तो यहाँ दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न, मॉडल आंसर और परीक्षा पैटर्न आधारित अभ्यास निश्चित रूप से आपकी तैयारी को और बेहतर बनाएँगे।







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