कक्षा 12 समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) – महत्वपूर्ण प्रश्न एवं मॉडल उत्तर | बोर्ड परीक्षा 2025-26
Class 12 Macroeconomics – Important Questions and Model Answers
प्रिय विद्यार्थियों, कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025-26 की उत्कृष्ट तैयारी के लिए समष्टि अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पोस्ट में परीक्षा उपयोगी सभी प्रकार के प्रश्न शामिल किए गए हैं—
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) – सही विकल्प सहित
- रिक्त स्थान भरिए
- सही जोड़ी मिलाइए
- सत्य / असत्य
- एक शब्द / एक वाक्य में उत्तर
- 2, 3 एवं 4 अंकों के महत्वपूर्ण वर्णनात्मक प्रश्न
यह सामग्री आगामी बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने हेतु विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि इसे पाठ्यक्रम, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों एवं संभावित प्रश्नों के आधार पर व्यवस्थित किया गया है।
इस पोस्ट में क्या शामिल है?
यहाँ दिए जा रहे प्रश्न समष्टि अर्थशास्त्र के प्रमुख अध्यायों जैसे राष्ट्रीय आय, मुद्रा एवं बैंकिंग, बजट, सार्वजनिक वित्त, विदेशी व्यापार, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति आदि पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न के साथ मॉडल उत्तर भी दिया गया है, जो आपके अभ्यास व पुनरावृत्ति को मजबूत करेगा।
उद्देश्य
इस पोस्ट का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को परीक्षा उन्मुख अध्ययन से जोड़ना है ताकि वे कम समय में अधिक प्रभावी तैयारी कर सकें तथा पूर्णांक प्राप्त करने का अवसर बढ़ा सकें।
समष्टि अर्थशास्त्र: 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. सही विकल्प चुनिए (10)
1. समष्टि अर्थशास्त्र के जनक (Father) किसे माना जाता है?
उत्तर: (ग) जे. एम. कीन्स
2. राष्ट्रीय आय की गणना करते समय किसे शामिल नहीं किया जाता है?
उत्तर: (ग) मध्यवर्ती वस्तुएँ
3. वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) को मापने के लिए किस आधार का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: (ख) आधार वर्ष की कीमतें
4. मुद्रा का प्राथमिक कार्य क्या है?
उत्तर: (घ) विनिमय का माध्यम
5. भारत में मुद्रा की पूर्ति (Money Supply) का नियंत्रण कौन करता है?
उत्तर: (घ) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
6. उपभोग प्रवृत्ति (MPC) का मान कितना हो सकता है?
उत्तर: (ग) 0 और 1 के बीच
7. यदि सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) = 0.25 हो, तो निवेश गुणक का मान क्या होगा?
उत्तर: (ग) 4 (k = 1/MPS = 1/0.25 = 4)
8. राजस्व घाटा (Revenue Deficit) क्या दर्शाता है?
उत्तर: (ख) केवल राजस्व व्यय, राजस्व प्राप्तियों से अधिक
9. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण किस बाजार में होता है?
उत्तर: (ग) विदेशी विनिमय बाजार
10. भुगतान संतुलन (BoP) के चालू खाते (Current Account) में किसे शामिल किया जाता है?
उत्तर: (ग) वस्तुओं का निर्यात और आयात
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (10)
1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में से घिसावट (Depreciation) को घटाने पर __________ प्राप्त होता है।
उत्तर: शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP)
2. राष्ट्रीय आय को __________ कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) के रूप में भी जाना जाता है।
उत्तर: साधन लागत
3. मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए RBI द्वारा बैंक दर को __________ दिया जाता है।
उत्तर: बढ़ा
4. वाणिज्यिक बैंकों के पास कुल जमाओं का न्यूनतम अनुपात जो RBI के पास रखना अनिवार्य है, उसे __________ कहते हैं।
उत्तर: नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
5. एक दो-सेक्टर अर्थव्यवस्था में, समग्र माँग (AD) = उपभोग (C) + __________ होता है।
उत्तर: निवेश (I)
6. उपभोग वक्र की ढलान को __________ कहा जाता है।
उत्तर: सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC)
7. सरकारी व्यय और करों में परिवर्तन के माध्यम से अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली नीति __________ नीति कहलाती है।
उत्तर: राजकोषीय (Fiscal)
8. सरकार के राजस्व प्राप्तियों में कर और __________ प्राप्तियाँ शामिल होती हैं।
उत्तर: गैर-कर (Non-Tax)
9. जब अर्थव्यवस्था में माँग, पूर्ति से कम होती है तो उसे __________ अंतराल कहते हैं।
उत्तर: अभावी (Deflationary)
10. अदायगी संतुलन (BoP) के __________ खाते में विदेशी निवेश को दर्ज किया जाता है।
उत्तर: पूँजी (Capital)
3. सत्य/असत्य बताइए (10)
1. समग्र माँग (Aggregate Demand) का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र का विषय है।
उत्तर: सत्य
2. दोहरे लेखांकन की समस्या से बचने के लिए राष्ट्रीय आय में केवल अंतिम वस्तुओं के मूल्य को शामिल किया जाता है।
उत्तर: सत्य
3. नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (Nominal GDP) हमेशा वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) से बेहतर कल्याण का संकेतक होता है।
उत्तर: असत्य
4. रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से ऋण लेते हैं।
उत्तर: असत्य (यह वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों से ऋण लेता है)
5. बचत वक्र का ढलान धनात्मक होता है।
उत्तर: सत्य
6. निवेश गुणक (Investment Multiplier) का मान MPC के मान पर निर्भर नहीं करता है।
उत्तर: असत्य
7. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयर बेचना (विनिवेश) पूँजीगत प्राप्तियों का एक उदाहरण है।
उत्तर: सत्य
8. ऋणों की वसूली पूँजीगत व्यय का एक उदाहरण है।
उत्तर: असत्य (यह पूँजीगत प्राप्ति है)
9. खुली अर्थव्यवस्था में, माँग को प्रभावित करने वाला शुद्ध निर्यात (Net Export) एक नया कारक जुड़ जाता है।
उत्तर: सत्य
10. विदेशी विनिमय दर में वृद्धि का अर्थ है कि घरेलू मुद्रा का मूल्यह्रास हो गया है।
उत्तर: सत्य (जैसे $1 = ₹70 से $1 = ₹80 हो जाए)
4. सही जोड़ी बनाइए (10)
'अ' (Column A) 'ब' (Column B)
1. समष्टि अर्थशास्त्र का अध्ययन (a) C = C + bY
2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) (b) 1/MPS
3. केन्द्रीय बैंक (c) आयात और निर्यात (Import/Export)
4. रेपो दर (d) GDPMP - NDPMP
5. उपभोग फलन (e) समग्र माँग और पूर्ति का अध्ययन
6. निवेश गुणक (f) राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान
7. घिसावट(मूल्यह्रास) (g) RBI
8. राजकोषीय घाटा (h) बाजार कीमत - साधन लागत
9. प्राथमिक घाटा (i) वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है
10. चालू खाता (BoP) (j) कुल व्यय - उधार रहित कुल प्राप्तियाँ
| 'अ' (Column A) | सही मिलान | 'ब' (Column B) |
|---|---|---|
| 1. समष्टि अर्थशास्त्र का अध्ययन | → | (e) समग्र माँग और पूर्ति का अध्ययन |
| 2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) | → | (h) बाजार कीमत - साधन लागत |
| 3. केन्द्रीय बैंक | → | (g) RBI |
| 4. रेपो दर | → | (i) वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है |
| 5. उपभोग फलन | → | (a) C = C + bY |
| 6. निवेश गुणक | → | (b) 1/MPS |
| 7. घिसावट (मूल्यह्रास) | → | (d) GDPMP - NDPMP |
| 8. राजकोषीय घाटा | → | (j) कुल व्यय - उधार रहित कुल प्राप्तियाँ |
| 9. प्राथमिक घाटा | → | (f) राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान |
| 10. चालू खाता (BoP) | → | (c) आयात और निर्यात (Import/Export) |
5. एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए (10)
1. घरेलू सीमा के अंदर एक वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य क्या कहलाता है?
उत्तर: सकल घरेलू उत्पाद (GDP)
2. राष्ट्रीय आय की गणना में दोहरी गणना से बचने के लिए किस विधि का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: मूल्यवर्धित विधि (या अंतिम उत्पाद विधि)
3. मुद्रा का वह कौन सा कार्य है जो इसे भविष्य के लिए मूल्य संचय करने की शक्ति देता है?
उत्तर: मूल्य का संचय
4. वाणिज्यिक बैंकों के पास उनकी कुल जमा का वह अनुपात जो उन्हें स्वयं अपने पास नकद के रूप में रखना होता है, क्या कहलाता है?
उत्तर: वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
5. समग्र माँग और समग्र पूर्ति के बीच संतुलन से पहले समग्र माँग में वृद्धि के कारण आय में होने वाली वृद्धि का अनुपात क्या कहलाता है?
उत्तर: निवेश गुणक
6. पूर्ण रोजगार के स्तर पर समग्र माँग का समग्र पूर्ति से अधिक होना क्या कहलाता है?
उत्तर: स्फीतिक अंतराल (Inflationary Gap)
7. वह कर जिसका भार दूसरे व्यक्ति पर टाला जा सकता है?
उत्तर: अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
8. पूँजीगत प्राप्तियों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: उधार (Borrowing) (या ऋणों की वसूली/विनिवेश)
9. भुगतान संतुलन के चालू खाते में केवल दृश्य मदों का लेखा-जोखा क्या कहलाता है?
उत्तर: व्यापार संतुलन (Balance of Trade)
10. विदेशी विनिमय दर प्रणाली का वह रूप जिसमें केंद्रीय बैंक विनिमय दर को निश्चित सीमा के भीतर रखने के लिए हस्तक्षेप करता है?
उत्तर: प्रबंधित तिरती प्रणाली (Managed Floating System)
इकाई 1: समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में कोई दो अंतर लिखिए। (2 अंक)
उत्तर:
| आधार | व्यष्टि अर्थशास्त्र | समष्टि अर्थशास्त्र |
|---|---|---|
| अध्ययन | व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों (जैसे एक फर्म) का अध्ययन। | समग्र अर्थव्यवस्था (जैसे राष्ट्रीय आय) का अध्ययन। |
| अन्य नाम | मूल्य सिद्धांत। | आय और रोजगार सिद्धांत। |
2. सकारात्मक अर्थशास्त्र और आदर्शक अर्थशास्त्र में क्या अंतर है? (2 अंक)
उत्तर:
- सकारात्मक अर्थशास्त्र: यह इस बात का अध्ययन करता है कि क्या है (तथ्यों पर आधारित)।
- आदर्शक अर्थशास्त्र: यह इस बात का अध्ययन करता है कि क्या होना चाहिए (राय/मूल्य निर्णय पर आधारित)।
3. अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ क्या हैं? कोई दो बताइए। (2 अंक)
उत्तर: अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ संसाधनों की दुर्लभता और उनके वैकल्पिक उपयोग के कारण उत्पन्न होती हैं।
- क्या उत्पादन किया जाए? (किन वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जाए)।
- कैसे उत्पादन किया जाए? (उत्पादन के लिए कौन सी तकनीक (श्रम-गहन या पूंजी-गहन) अपनाई जाए)।
इकाई 2: राष्ट्रीय आय का लेखांकन
4. अंतिम वस्तुएँ और मध्यवर्ती वस्तुएँ में दो अंतर स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 3 देखें)
| आधार | अंतिम वस्तुएँ | मध्यवर्ती वस्तुएँ |
|---|---|---|
| राष्ट्रीय आय | शामिल होती हैं। | शामिल नहीं होती हैं। |
| सीमा रेखा | उत्पादन की सीमा रेखा पार कर चुकी हैं। | उत्पादन की सीमा रेखा के अंदर हैं। |
5. साधन लागत (FC) और बाज़ार कीमत (MP) में संबंध सूत्र सहित लिखिए। (2 अंक)
उत्तर: इन दोनों में मुख्य अंतर शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) का होता है।
सूत्र: बाज़ार कीमत (MP) = साधन लागत (FC) + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT)
जहाँ NIT = अप्रत्यक्ष कर - सब्सिडी
6. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) में अंतर स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर: इन दोनों में मुख्य अंतर घिसावट (Depreciation) का है।
- GDP: यह सकल मूल्य होता है, जिसमें घिसावट शामिल होती है।
- NDP: यह शुद्ध मूल्य होता है।
सूत्र: NDP = GDP - घिसावट (Depreciation)
7. आय के वर्तुल प्रवाह (Circular Flow of Income) की अवधारणा को संक्षेप में समझाइए। (3 अंक)
उत्तर: आय का वर्तुल प्रवाह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों (फर्म और परिवार) के बीच उत्पादन, आय सृजन और व्यय के प्रवाह को दर्शाता है। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है:
- उत्पादन: फर्म वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती हैं।
- आय: उत्पादन के कारकों को पारिश्रमिक के रूप में आय वितरित की जाती है।
- व्यय: परिवार अपनी आय को वस्तुओं और सेवाओं पर व्यय करते हैं, जो फिर फर्मों को प्राप्त होता है।
यह चक्र लगातार चलता रहता है। [Image of Circular Flow of Income in a two-sector economy]
8. हस्तांतरण भुगतान (Transfer Payments) और कारक भुगतान (Factor Payments) में तीन अंतर बताइए। (3 अंक)
उत्तर:
| आधार | कारक भुगतान (Factor Payments) | हस्तांतरण भुगतान (Transfer Payments) |
|---|---|---|
| सेवाएँ | उत्पादन के कारक सेवाओं के बदले किया जाता है। | बिना किसी उत्पादक सेवा के बदले किया जाता है। |
| राष्ट्रीय आय | राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है। | राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता है। |
| उदाहरण | वेतन, मजदूरी, ब्याज, लाभ। | पेंशन, छात्रवृत्ति, बेरोज़गारी भत्ता। |
9. राष्ट्रीय आय की गणना की आय विधि (Income Method) के मुख्य घटकों को समझाइए। (4 अंक)
उत्तर: आय विधि में, उत्पादन के कारकों द्वारा अर्जित की गई आय (साधन आय) को जोड़कर $\text{NDP}_{\text{FC}}$ (साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद) की गणना की जाती है।
मुख्य घटक:
- कर्मचारियों का पारिश्रमिक: इसमें नकद वेतन, वस्तु के रूप में मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा में मालिकों का योगदान शामिल है।
- परिचालन अधिशेष: इसमें संपत्ति और उद्यमशीलता से प्राप्त आय शामिल है (लगान, ब्याज, रॉयल्टी, लाभ)।
- स्व-नियोजितों की मिश्रित आय: इसमें स्वयं काम करने वाले लोगों की आय शामिल है जो ऊपर के घटकों से अलग नहीं की जा सकती।
सूत्र: NDP(FC) = कर्मचारियों का पारिश्रमिक + परिचालन अधिशेष + मिश्रित आय
इकाई 3: मुद्रा और बैंकिंग
10. मुद्रा के किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। (2 अंक)
उत्तर:
- विनिमय का माध्यम (Medium of Exchange): यह लेन-देन को सरल बनाती है।
- मूल्य का मापक (Measure of Value): यह सभी वस्तुओं के मूल्य को एक सामान्य इकाई में मापती है।
11. साख सृजन (Credit Creation) से आप क्या समझते हैं? (2 अंक)
उत्तर: साख सृजन का अर्थ है वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अपनी प्रारंभिक जमाओं के आधार पर ऋण प्रदान करके और इन ऋणों से नई जमाएँ प्राप्त करके मुद्रा की पूर्ति को बढ़ाना। यह प्रक्रिया नकद आरक्षित अनुपात (CRR) से विपरीत रूप से संबंधित है।
12. CRR और SLR में मुख्य अंतर क्या है? (2 अंक)
उत्तर:
- CRR (नकद आरक्षित अनुपात): वाणिज्यिक बैंकों की जमाओं का वह हिस्सा जो RBI के पास नकद के रूप में रखा जाता है।
- SLR (वैधानिक तरलता अनुपात): वाणिज्यिक बैंकों की जमाओं का वह हिस्सा जो बैंकों द्वारा स्वयं अपने पास नकद, सोना या प्रतिभूति के रूप में रखा जाता है।
13. केन्द्रीय बैंक (RBI) के किन्हीं तीन मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए। (3 अंक)
उत्तर: केन्द्रीय बैंक (RBI) के कार्य:
- नोट जारी करने का एकाधिकार: देश में मुद्रा जारी करने का एकमात्र अधिकार।
- सरकार का बैंक: सरकारों के लिए बैंकर और वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करना।
- बैंकों का बैंक और अंतिम ऋणदाता: वाणिज्यिक बैंकों के नकद भंडार का संरक्षक और उन्हें संकट में ऋण प्रदान करना।
14. मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने के लिए RBI के किन्हीं दो मात्रात्मक (Quantitative) उपायों का वर्णन कीजिए। (4 अंक)
उत्तर: मात्रात्मक उपाय साख की कुल मात्रा को नियंत्रित करते हैं। मुद्रास्फीति में RBI इन उपायों को बढ़ाता है:
- रेपो दर (Repo Rate) में वृद्धि: RBI वह दर बढ़ा देता है जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है। इससे बैंकों के लिए उधार लेना महंगा हो जाता है और वे अपने ग्राहकों को अधिक ब्याज दर पर ऋण देते हैं, जिससे साख सृजन और समग्र माँग कम होती है।
- खुले बाज़ार की क्रियाएँ (OMO): RBI खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियाँ बेचता है। इससे वाणिज्यिक बैंकों की तरलता (नकदी) कम हो जाती है, जिससे उनकी ऋण देने की क्षमता घट जाती है।
इकाई 4: आय और रोजगार के निर्धारण
15. उपभोग फलन (Consumption Function) का समीकरण लिखिए और इसके घटकों को समझाइए। (2 अंक)
उत्तर: उपभोग फलन का समीकरण:
सूत्र: C = C̄ + bY
- C̄ (स्वायत्त उपभोग): आय शून्य होने पर भी किया जाने वाला उपभोग।
- b (MPC): सीमांत उपभोग प्रवृत्ति।
16. सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) और सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) में क्या संबंध है? (2 अंक)
उत्तर: आय में परिवर्तन ($\Delta Y$) या तो उपभोग ($\Delta C$) या बचत ($\Delta S$) में जाता है, इसलिए MPC और MPS का योग हमेशा 1 के बराबर होता है।
सूत्र: MPC + MPS = 1
17. समग्र माँग (AD) और समग्र पूर्ति (AS) से आप क्या समझते हैं? (2 अंक)
उत्तर:
- समग्र माँग (AD): एक वर्ष में सभी वस्तुओं और सेवाओं की कुल माँगी गई मात्रा। (AD = C + I)।
- समग्र पूर्ति (AS): एक वर्ष में सभी वस्तुओं और सेवाओं की कुल उत्पादित मात्रा, जो हमेशा राष्ट्रीय आय (Y) के बराबर होती है। (AS = C + S)।
18. स्वायत्त निवेश (Autonomous Investment) और प्रेरित निवेश (Induced Investment) में अंतर बताइए। (2 अंक)
उत्तर:
- स्वायत्त निवेश: वह निवेश जो आय या लाभ के स्तर पर निर्भर नहीं करता। यह आमतौर पर सरकारी निवेश होता है।
- प्रेरित निवेश: वह निवेश जो आय या लाभ के स्तर पर निर्भर करता है। लाभ बढ़ने पर यह निवेश बढ़ता है।
19. निवेश गुणक (Investment Multiplier) क्या है? इसके दो मुख्य सूत्र लिखिए। (3 अंक)
उत्तर: निवेश गुणक (k) निवेश में परिवर्तन के परिणामस्वरूप आय में होने वाले अंतिम परिवर्तन का अनुपात है।
सूत्र:
- k = ΔY / ΔI
- k = 1 / (1 - MPC)
गुणक का मूल्य MPC के सीधे अनुपात में होता है।
20. पूर्ण रोजगार (Full Employment) और अनैच्छिक बेरोजगारी (Involuntary Unemployment) में अंतर स्पष्ट कीजिए। (3 अंक)
उत्तर:
- पूर्ण रोजगार: वह स्थिति जब वे सभी लोग जो प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने के इच्छुक और सक्षम हैं, उन्हें काम मिल जाता है। (इसमें शून्य बेरोजगारी नहीं होती)।
- अनैच्छिक बेरोजगारी: वह स्थिति जब लोग प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने के इच्छुक और सक्षम होते हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल पाता है। यह चक्रीय बेरोजगारी का एक रूप है।
21. समग्र माँग (AD) और समग्र पूर्ति (AS) की सहायता से आय और रोजगार के संतुलन निर्धारण को रेखाचित्र की सहायता से समझाइए। (4 अंक)
उत्तर: संतुलन निर्धारण उस बिंदु पर होता है जहाँ समग्र माँग (AD) समग्र पूर्ति (AS) के बराबर होती है।
संतुलन बिंदु:
- जब AD = AS होता है, तो अर्थव्यवस्था संतुलन में होती है (संतुलन आय $\text{Y}_{\text{E}}$)।
- यदि AD > AS, तो अर्थव्यवस्था में अधिमाँग होती है। उत्पादक उत्पादन बढ़ाकर पुनः संतुलन प्राप्त करते हैं।
- यदि AD < AS, तो अर्थव्यवस्था में अधिपूर्ति होती है। उत्पादक उत्पादन घटाकर पुनः संतुलन प्राप्त करते हैं।
[AD और AS वक्रों का रेखाचित्र बनाएं, जहाँ AD, 45 डिग्री रेखा (AS) को काटता है। यही संतुलन बिंदु है।]
22. अभावी अंतराल (Deflationary Gap) क्या है? इसे नियंत्रित करने के लिए दो मौद्रिक उपाय बताइए। (4 अंक)
उत्तर:
अभावी अंतराल: यह वह स्थिति है जब पूर्ण रोजगार के स्तर पर समग्र माँग ($\mathbf{AD}$) आवश्यक समग्र पूर्ति ($\mathbf{AS}$) से कम होती है। इसके कारण उत्पादन और रोजगार में कमी (मंदी) होती है। [Image of Deflationary Gap]
नियंत्रण के मौद्रिक उपाय: मौद्रिक नीति में RBI ब्याज दरों और आरक्षित अनुपात को नियंत्रित करता है। मंदी में RBI इन उपायों को घटाता है:
- रेपो दर (Repo Rate) में कमी: RBI रेपो दर को कम कर देता है। इससे वाणिज्यिक बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, जिससे उनकी साख सृजन क्षमता बढ़ती है और समग्र माँग में वृद्धि होती है।
- खुले बाज़ार की क्रियाएँ (OMO): RBI खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियाँ खरीदता है। इससे वाणिज्यिक बैंकों के पास नकदी (तरलता) बढ़ जाती है, जिससे वे अधिक ऋण दे पाते हैं।
इकाई 5: सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था
23. राजस्व व्यय और पूँजीगत व्यय में क्या अंतर है? (2 अंक)
उत्तर:
- राजस्व व्यय: इनसे न तो कोई परिसंपत्ति बनती है और न देनदारी घटती है।
- पूँजीगत व्यय: इनसे परिसंपत्ति बनती है या देनदारी घटती है।
24. राजस्व प्राप्तियाँ और पूँजीगत प्राप्तियाँ में अंतर स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर:
- राजस्व प्राप्तियाँ: इनसे न तो कोई देनदारी उत्पन्न होती है और न ही परिसंपत्ति कम होती है (जैसे: कर)।
- पूँजीगत प्राप्तियाँ: इनसे या तो देनदारी उत्पन्न होती है (जैसे: उधार) या परिसंपत्ति कम होती है (जैसे: विनिवेश)।
25. सरकारी बजट के किन्हीं तीन मुख्य उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। (3 अंक)
उत्तर: सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य:
- संसाधनों का पुनरावंटन (Reallocation): करों और सब्सिडी के माध्यम से संसाधनों को सार्वजनिक कल्याण की ओर निर्देशित करना।
- आय और धन का पुनर्वितरण (Redistribution): प्रगतिशील कर प्रणाली और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से असमानता कम करना।
- आर्थिक स्थिरता (Economic Stability): मुद्रास्फीति और मंदी को नियंत्रित करना।
26. प्राथमिक घाटा (Primary Deficit) क्या है? इसका सूत्र और महत्व समझाइए। (3 अंक)
उत्तर:
प्राथमिक घाटा: यह राजकोषीय घाटे और ब्याज भुगतान के बीच का अंतर है। यह दर्शाता है कि सरकार को ब्याज भुगतान को छोड़कर अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए कितनी उधार की आवश्यकता है।
सूत्र: प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान
महत्व: यह सरकार की वर्तमान वर्ष की राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) की स्थिति को दर्शाता है। यदि यह शून्य है, तो इसका अर्थ है कि सरकार को केवल पिछले ऋणों पर ब्याज चुकाने के लिए उधार लेना पड़ रहा है।
27. राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) क्या है? इसके दो मुख्य निहितार्थ (Implications) समझाइए। (4 अंक)
उत्तर:
राजकोषीय घाटा: यह सरकार के कुल व्यय और उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों के बीच का अंतर है। यह सरकार की कुल उधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
सूत्र: राजकोषीय घाटा = (कुल व्यय) - (उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियाँ)
निहितार्थ (Implications):
- ऋण का जाल (Debt Trap): उच्च राजकोषीय घाटा सरकार की देनदारी बढ़ाता है, जिससे भविष्य में ब्याज भुगतान का बोझ बढ़ता है और देश 'ऋण के जाल' में फँस सकता है।
- मुद्रास्फीति (Inflation): यदि घाटे को पूरा करने के लिए घाटे की वित्त व्यवस्था (RBI से उधार) का उपयोग किया जाता है, तो यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति को बढ़ाता है और मुद्रास्फीति को जन्म देता है।
इकाई 6: खुली समष्टि अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था
28. भुगतान संतुलन (BoP) और व्यापार संतुलन (BoT) में कोई दो अंतर लिखिए। (2 अंक)
उत्तर: (उत्तर के लिए प्रश्न संख्या 12 देखें)
| आधार | भुगतान संतुलन (BoP) | व्यापार संतुलन (BoT) |
|---|---|---|
| घटक | दृश्य, अदृश्य और पूँजीगत लेन-देन सभी शामिल। | केवल वस्तुओं (दृश्य मदों) का आयात और निर्यात शामिल। |
| व्यापकता | यह एक व्यापक संकल्पना है। | यह एक संकीर्ण संकल्पना है। |
29. भुगतान संतुलन के पूँजी खाते (Capital Account) के किन्हीं तीन घटकों का वर्णन कीजिए। (3 अंक)
उत्तर: पूँजी खाता देश की परिसंपत्ति या देनदारी में परिवर्तन लाने वाले सभी लेन-देनों को दर्ज करता है।
- विदेशी निवेश: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI)।
- ऋण और उधार: विदेशों से प्राप्त सरकारी और निजी ऋण।
- विदेशी विनिमय भंडार में परिवर्तन: केंद्रीय बैंक द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार में किया गया परिवर्तन।
30. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण कैसे होता है? माँग (Demand) और पूर्ति (Supply) की भूमिका समझाइए। (4 अंक)
उत्तर:
विदेशी विनिमय दर का निर्धारण माँग और पूर्ति की शक्तियों द्वारा बाजार में उस बिंदु पर होता है जहाँ विदेशी मुद्रा की माँग (Demand) और पूर्ति (Supply) बराबर होती है।
- विदेशी विनिमय की माँग: विदेशों से आयात, विदेशों में निवेश आदि के लिए होती है। (यह दर से विपरीत रूप से संबंधित है)।
- विदेशी विनिमय की पूर्ति: निर्यात, विदेशी पर्यटन का प्रवाह आदि से होती है। (यह दर से सीधे संबंधित है)।
संतुलन: जहाँ माँग वक्र और पूर्ति वक्र एक-दूसरे को काटते हैं, वहाँ संतुलन विनिमय दर निर्धारित होती है।
[विदेशी विनिमय बाजार में माँग और पूर्ति वक्रों का रेखाचित्र बनाएं, जहाँ दर निर्धारित होती है।]
⚠ महत्वपूर्ण Disclaimer
यह सामग्री केवल शैक्षणिक मार्गदर्शन एवं अध्ययन-अभ्यास के उद्देश्य से प्रकाशित की जा रही है। प्रश्न एवं मॉडल उत्तर MP Board के आधिकारिक प्रश्नपत्र का प्रतिस्थापन नहीं हैं। वास्तविक प्रश्नपत्र एवं मूल्यांकन नीति का निर्धारण मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा किया जाता है। कृपया इस सामग्री का व्यावसायिक या गलत उपयोग न करें।
📝 परीक्षा हेतु सुझाव
- प्रत्येक प्रश्न को समझकर उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
- MCQ, रिक्त स्थान एवं सत्य–असत्य पर विशेष ध्यान दें—अंक जल्दी प्राप्त होते हैं।
- लिखित उत्तरों में परिभाषा + बिंदुवार विवरण + उदाहरण अवश्य दें।
- आँकड़ों का प्रयोग प्रस्तुति को बेहतर बनाता है।
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